जौनपुर में डूडा के जेई के खिलाफ मुकदमा के बाद भी नहीं थम रहा भ्रष्टाचार
जौनपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री स्तर से भले ही सख्ती बरती जाए पर जौनपुर के डूडा कार्यालय में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लाभार्थियों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है। प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव ने रविवार को करंजा कला विकास खंड के कोरापट्टी, हरदीपुर गांव में चौपाल लगाई तो जनता के शिकायतों की झड़ी लग गई। यहाँ मौजूद एक पीड़िता फूला देवी ने डूडा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ खुलेआम मंत्री से शिकायत किया। कहा कि प्रधानमंत्री आवास बनाने के दौरान विभाग के एक शिब्ली नामक कर्मचारी ने मुझसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चंबलतारा शाखा में तीन बार अंगूठा लगवा कर 20 हजार रुपये निकलवा लिया। इससे मेरे आवास में अलमारी, सीढ़ी व अन्य काम अभी अधूरा पड़ा है। राज्यमंत्री श्री यादव ने पीड़िता की बातों को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच कराने का भरोसा दिया है। सनद रहे कि पिछले सप्ताह मतापुर वार्ड में डीएम दिनेश कुमार सिंह, राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव के समक्ष डूडा के जेई भरत लाल यादव के खिलाफ छोटेलाल वेनवंशी ने सात हजार रूपये घूस लेने का आरोप लगाया था। जिस पर डीएम दिनेश कुमार सिंह ने उक्त जेई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुये उसे सेवा से बर्खास्त करने का आदेश परियोजना आधी डूडा का दिया था। बावजूद इसके जिले के डूडा कार्यालय में फैला भ्रष्टाचार अभी तक रुक नहीं रहा है। अधिकारियों के खिलाफ खुलेआम घूस लेने के हर दिन नए नए मामले आने से जिला प्रशासन की भद पिट रही है। राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव भी विभाग के खिलाफ कड़ा तेवर दिखाने लगे हैं। उन्होंने चौपाल में उपस्थित अधिकारियों को कड़ी हिदायत दिया कि शासन की नीतियों पर अमल करते हुए आम आदमी की फरियाद को गंभीरता से लें, उसका जल्द से जल्द निराकरण करें। प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, विधवा पेंशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों के बीच पहुचाने पर जोर दिया। इस मौके पर ग्राम प्रधान राजेश मौर्य, पूर्व प्रधान देवानंद मौर्य, जिलाजीत पांडेय, वीरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ रामसूरत मौर्य, नंदलाल यादव, विकास शर्मा, खेतासराय के नामित सभासद जगदंबा प्रसाद पांडेय व मनीष कुमार गुप्ता और राज्यमंत्री श्री यादव के मीडिया प्रतिनिधि मनीष कुमार श्रीवास्तव, अजित पांडेय समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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