Header Ads Widget

स्वयं का स्वयं से साक्षात्कार का माध्यम है योग, अचल हरिमूर्ति ...


स्वयं का स्वयं से साक्षात्कार का माध्यम है योग, अचल हरिमूर्ति ...

योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने का लिया संकल्प 

पंच दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन 

✍️यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद

जौनपुर। शिक्षक शिक्षा विभाग तिलक धारी महाविद्यालय द्वारा आयोजित योग शिविर में रविवार को छात्राध्यापक एवं छात्राध्यापिकाओं को पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति व  योग प्रशिक्षक कुलदीप योगी एवं जगदीश योगी द्वारा यूजीसी के पाठ्यक्रमानुसार  अष्टांग योग  का सैद्धांतिक व क्रियात्मक प्रशिक्षण दिया गया। 
जिसमें विभिन्न प्रकार के योगासनो ताड़ासन,  वृक्षासन,  त्रिकोण आसन,  पादहस्तासन, मकरआसन , मर्कटआसन , सूर्य नमस्कार, के साथ साथ भस्त्रिका , कपालभाति  अनुलोम-विलोम,  भ्रामरी एवं उद्गीथ प्राणायामो का अभ्यास व उनसे होने वाले लाभों से परिचित कराया गया ।
अचल हरिमूर्ति ने कहा की चुनौतीपूर्ण, भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकून के पलों का खजाना है योग  , योग मे वह शक्ति है जो आपको हर समस्या से छुटकारा दिला सकती है।  
  शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ विनय सिंह द्वारा छात्राध्यापको व छात्राध्यापिकाओं को उद्बोधन में योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया।
 विभाग के डाॅ अजय दूबे जी ने योग को एक कल्पवृक्ष की संज्ञा दी , जिसकी सहायता से हम अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण कर सकते हैं। डॉ सुधान्सु सिंहा ने सभी से योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने का निर्देश दिया , सभी प्रशिक्षणार्थियों ने अपने दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने का शुभ संकल्प लिया ।

इस मौके पर शिक्षक शिक्षा विभाग के डाॅ रीता , डाॅ श्रद्धा,  डाॅ सुलेखा , डाॅ गीता , डाॅ अरविंद  सिंह के साथ साथ अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहें ।
 कार्यक्रम के अंत में। पतंजलि योग समिति के प्रांतीय सह प्रभारी अचल हरी मूर्ति ने उपस्थित जनों के प्रति आभार जताया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ