जश्न ए मेराजुन्नबी पर नातिया मुशायरा का आयोजन, खूब जमी महफ़िल
कोरोना कॉविड के चलते शहर में नहीं निकला जुलूस
✍️इन्द्रजीत सिंह मौर्य/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। जश्न ए मेराजुन्नबी के अवसर पर मरकज़ी सीरत कमेटी द्वारा मरहूम पूर्व विधायक अफ़ज़ाल अहमद की याद में गुरुवार को अटाला मस्जिद के पीछे मोहल्ला रिज़वी खां में नातिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता शायर अकरम जौनपुरी ने करते हुए तमाम पुरानी यादों को ताजा किया।
दरअसल 26 रजब को जश्न ए मेराजुन्नबी के अवसर पर पूरे शहर को झालरों व लइटों से सजाया जाता था। शहर की समस्त नात ख्वां अंजुमन व फन ए सिपाहगरी के अखाड़े अपने फ़न का मुज़ाहिरा करते हैं और जगह जगह कमेटी के लोग स्टॉल लगा कर अंजुमन व अखाड़े के लोगों का प्रोत्साहन करते थे, लेकिन इस वर्ष कोविड19 के कारण प्रशासन की जानिब से जलसा व जुलूस की इजाज़त नहीं दी गयी । केवल सीमित समय के लिये कैंपस प्रोग्राम की इजाज़त दी गयी थी। इस कारण कोविड19 की गाइडलाइन को अनुसार एक नातिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के मशहूर शायरों ने शिरकत करके अपने कलाम पेश किया।
इस अवसर पर विद्युत विभाग के कर्मचारी नेता निखिलेश सिंह, अनवारुल हक़ गुड्डु,विजय सिंह बाग़ी,मज़हर आसिफ़, मरकजी सीरत कमेटी के पूर्व खजांची शकील मंसूरी, अज़मत अली,अज़मत खान, सभासद साजिद अलीम,अलमास सिद्दीकी,शम्स तबरेज़, नियाज़ ताहिर शेखू,शाहनवाज़ खान,अरशद क़ुरैशी, संजीव यादव , कमालुद्दीन अंसारी अन्य उपस्थित रहे।
कई शायरों ने पेश किया अपना कलाम
जौनपुर। शायर अकरम जौनपुरी ने उठा ले जाम ए इल्लल्लाह जो होगा देखा जाएगा,
तू पी ले पढ़ के बिस्मिल्लाह जो होगा देखा जाएगा।
शायर अफज़ल इलाहाबादी ने कहा कि आक़ा ने जब बनाई मोहब्बत की कायनात.
गोशा नशीं हो गयी नफ़रत की कायनात।
दुनियां में जो रहोगे मोहम्मद से दूर दूर.
देखोगे कैसे उनकी शफाअत की कायनात।
डॉ पी सी विश्वकर्मा के अतिरिक्त शायर रामिश जौनपुरी, रौनक़ जौनपुरी,ज़िया जौनपुरी,आदि ने भी अपना कलाम पेश किया।
प्रोग्राम की शुरुआत तिलावत ए कलाम पाक से अजवद क़ासमी ने किया गया। नात ए पाक का नज़राना शायर हसरत जौनपुरी ने पेश किया। प्रोग्राम का संचालन कमालुद्दीन अंसारी ने किया।
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