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गुनाहों की माफी देती है शबे कद्र की रात, शकील


गुनाहों की माफी देती है शबे कद्र की रात, शकील



अपील, कोरोना कॉविड के खात्मे के लिए घर में बैठकर अल्लाह से करें दुआ

@यूसुफ खान / मोहम्मद अरसद...

जौनपुर। रमजान के पाक महीने में इबादत गुजार बंदे पहली रात से ही अपने माबूद  अल्लाह को मनाने, और उनकी इबादत करने में जुट जाते हैं।
इन नेक बन्दों  के लिए शबे ए कद्र  परवर दिगार का अनमोल तोहफा है।  कुरान पाक में इसे हजारों महीनों से सृष्ट रात बताया गया है । यह बातें मरकजी सीरत कमेटी के नायब सदर शकील मंसूरी ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कही । उन्होंने बताया कि अक़ीदत  और इमान के साथ इस रात में इबादत करने वालों के  पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। आलिमो का कहना है कि  जहां भी पिछले गुनाह माफ करने की बात आती है , वहां छोटे गुनाह बख्श दिए जाने से मुराद होती हैं । रसूलल्लाह (स.अ. व. ) ने शबे -ऐ - कद्र के लिए रमजान की 21, 23, 25, और 29 वी रात बताई।  इन रातो में रातभर  मुख्तलिफ इबादत  की  जाती हैं। जिनमे नफिल नमाजे पढ़ना,  कुरान पढ़ना., मुख्तलिफ तसबीहात पढ़ना  अहम है । रमज़ान में खुदा की  रहमत पूरे जोश पर होती है।  शबे कद्र यानी हजार महीनों से बेहतर रात इस रात   में कुरान उतारा गया है। और इसी शब् में अनगिनत लोगों को माफ़ी दी जाती हैं।  इसलिए पूरी रात जागकर इबादत की जाती है। 
कोरोना कोविड 19की गाईड लाइन का पालन करते हुए घरो में इबादत करे । इस कोरोना के खातमे के लिए अल्लाह से इस पाक महीने में कसरत से दुआ करें। जिससे पूरे मुल्क में अमन चैन कायम हो सके।

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