नियमित करें ध्यान और प्राणायाम- बृजेश सिंह प्रिन्सु
रोगों की परतन्त्रता से बचायेगा योग- हरीमूर्ति
✍️इंद्रजीत सिंह मौर्य/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। शारीरिक श्रम के अभाव के साथ अनियमित दिनचर्या के कारण आज घर घर तरह-तरह की साध्य और असाध्य बीमारियों का जाल फैलता जा रहा है। इसलिए आज के इस भागम भाग भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति अपनी दैनिक दिनचर्या में किसी खेल को सम्मिलित करके अथवा आसन, ध्यान,व्यायाम और प्राणायामों का नियमित और निरन्तर अभ्यास करके अपनें स्वास्थ्य को सर्वोत्तम बना सकता है।
यह बातें योग गुरु बाबा रामदेव के दिशा-निर्देशन में पतंजलि योग समिति के तत्वावधान में नगर स्थित मंगलम् मैरेज हॉल में आयोजित योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग करते हुए साधकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह प्रिन्सु नें रविवार को कही।
उन्होंने बताया की किसी भी राष्ट्र की पहचान उस राष्ट्र के सबल नागरिकों से होती है और बिमारियों से ग्रस्त व्यक्ति किसी भी राष्ट्र के लिए एक अभिशाप होता है । इसलिए हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य को सर्वोत्तम बनानें के लिए जो भी गतिविधियां करनी हो उसे अवश्य करनी चाहिए।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एसके सिंह नें कहा कि हम सभी को मिलकर स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण में महती भूमिकाओं को निभानें की आवश्यकता है, जिससे अष्टांग योग एक बेहतरीन माध्यम बन सकता है।
पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा स्वतन्त्रता दिवस पर साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सभी को अब रोगों की परतन्त्रता से छूटकारा पानें के लिए कम से कम एक घंटा नियमित और निरन्तर योगाभ्यासों को अपनी जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना है।
श्री हरीमूर्ति के द्वारा अवस्थानुसार और रोगानुसार विविध प्रकार के क्रियात्मक योगाभ्यासों को कराते हुए बताया जा रहा है कि इन्टिग्रेटेड योगाभ्यास के तहत कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायामों को एक महाअभियान के तहत जन जन तक पहुंचाकर हम सभी रोगों की परतन्त्रता से छूटकारा पा सकते हैं। इस मौके पर भारत स्वाभिमान के प्रभारी शशिभूषण, हरीनाथ यादव, डा हेमंत,नवीन द्विवेद्वी, रविन्द्र सिंह, शैलेन्द्र यादव, संजय सिंह, राजीव सिन्हा, कुलदीप, सुशील, विकास, रामकुमार, डा ध्रुवराज, डा चन्द्रसेन सहित अन्य साधक उपस्थित रहे।
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