आखिर किसके शह पर कोतवाली प्रभारी कर रहे मामले में हिल्ला-हवाली
जबकी क्राइम इंस्पेक्टर द्वारा मामले का निस्तारण किया जा चुका था
कोतवाल के एक पक्षीय रवैये से पत्रकारों में काफी रोष
जौनपुर। केराकत कोतवाली में इन दिनों फर्जी मुकदमा कर कोतवाली को धन उगाही का केंद्र बनाया जा रहा है। और प्रशासन की सेवा को व्यापार का नाम देने पर तुले हुए हैं।जिहां हम बात कर रहें है केराकत कोतवाली पुलिस की जहाँ प्रशासन को बाजारीकरण की शक्ल दी जा रही।इसमे कई सफेदपोश भी लगे हुए हैं। बताते चलें कि केराकत कोतवाली नगर क्षेत्र के एक मामले में पत्रकार मोहम्मद असलम खान पर पैसे के लेनदेन का आरोप लगाते हुए शाहनाज बेगम ने क्षेत्राधिकारी महोदय को शिकायत दी , जिसकी छानबीन में पत्रकार व विपक्षीगण को कोतवाली पर बुलाया गया। जिसमें पत्रकार ने पूर्व में हुए विवाद में सुलह समझौते का कागज बकायदे से कोतवाली के क्राइम इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह को दिखाया । जिस पर मामला क्राइम इंस्पेक्टर द्वारा रफा-दफा किया गया। लेकिन अपनी कथनी और करनी में अंतर रखने वाले कोतवाली निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने पुनः दूसरे दिन पत्रकार को बुलाकर जबरदस्ती दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया। थाना प्रभारी के द्वारा नाहक ही पत्रकार को पुनः पैसे का लेन देन करवाने का दबाव बनाया जा रहा है।केराकत कोतवाल द्वारा पैसे नहीं देने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की बात कहीं जा रही जोकि सरासर गलत है।कोतवाली निरीक्षक से पत्रकारों का यक्ष प्रश्न है कि जब पत्रकार द्वारा नाहक ही क्यों दबाव बनाया जा रहा।जबकि मामले में लेनदेन कराकर सुलह समझौता करा दिया गया है। कोतवाली निरीक्षक की इस हरकत से सभी पत्रकारों में काफी रोष व्याप्त है वहीं मामला मानवाधिकार आयोग नीति के संज्ञान में भी दिलाया गया है। पत्रकारों का कहना है कि यदि न्यायसंगत इस मामले का हल नहीं निकला तो केराकत कोतवाली प्रभारी के खिलाफ धरने व प्रदर्शन को बाध्य होंगे।
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