निजी विद्यालयों में भी पढ़ सकेंगे गरीब परिवार के बच्चे, बीएसए
आर्थिक रुप से पिछड़े निर्धन बच्चों के दाखिले की शुरू हुई कवायद
शासन के निर्देशों पर सख्ती से अमल की तैयारी
✍️इन्द्रजीत सिंह मौर्य/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1)(ग) के अंतर्गत अलाभित, दुर्बल समूह के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश दिलाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
इस संबंध में कलक्ट्रेट प्रेक्षाग्रह में मंगलवार को बैठक हुई। जिसमें मौजूद बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि यह एक पुनीत कार्य है। इसमें सभी लोग मेहनत व लगन के साथ गरीब बच्चों को अधिक से अधिक प्रवेश दिलाना सुनिश्चित करें।
शासन की मंशा के अनुरूप निजी विद्यालयों में अलाभित समूह तथा आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों, विधवा महिलाओं के बच्चों, कैंसर पीड़ित अभिभावको के बच्चे इस योजना के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ सकेंगे।
इसके लिए समेकित प्रयास करने की आवश्यकता है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री तिवारी ने बताया कि जनपद के 3038 विद्यालयों में से अभी तक मात्र 463 विद्यालयों ने ही वेबसाइट (http://www.rte25.upsdc.gov.in/) पर रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि 2575 विद्यालयों ने अभी तक वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
उन्होंने विद्यालयों के प्रबंधको/प्रधानाचार्यो से अपील किया कि अपने विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन शासनादेश के अनुसार ऑनलाइन करा ले।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार पंडित ने अलाभित व दुर्बल समूह के बच्चों के प्रवेश हेतु विद्यालयों को 25 प्रतिशत सीट रिक्त रखने के निर्देश दिये है। जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता ने संचालन करते हुए कहा कि अधिक संख्या में अलाभित व दुर्बल समूह के बच्चों को लाभ दिलाने हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विद्यालयों को पहल करनी होगी।
उनके द्वारा कराए गए रजिस्ट्रेशन को सारे दस्तावेजों के साथ प्रिंटआउट लेकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अथवा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
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