रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है योगाभ्यास-, डा केपी (पूर्व गो सेवा आयोग के अध्यक्ष)
स्वास्थ्य की सर्वोत्तम संजीवनी है योग- हरीमूर्ति
✍️इन्द्रजीत सिंह मौर्य/मोहम्मद अरशद
जौनपुर । जन जन में लोकप्रिय हो चुकी भारत की प्राचीनतम विधा योग के क्रियात्मक और सैद्धांतिक पक्षों के नियमित और निरन्तर अभ्यासों के साथ समुचित आहार और निद्रा के सन्तुलन को बनाकर किसी भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ उसके शारीरिक और मानसिक क्षमता का ऊर्जा स्तर आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
इसलिए हर व्यक्ति को अपनी दैनिक दिनचर्या में योगाभ्यास को अवश्य सम्मिलित करना चाहिए।यह बातें योग गुरु बाबा रामदेव के दिशा-निर्देशन में पतंजलि योग समिति के तत्वावधान में नगर के मंगलम् मैरेज हॉल में चल रहे योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में गो सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन डा केपी यादव नें कही है। वह शिविर में मंगलवार को उपस्थित जनों को योग के बारे में विस्तार से बता रहे थे।
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा शैलेश कुमार सिंह नें बताया कि व्यक्ति के शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण अनेकों प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएं विकराल रूप धारण कर लेती हैं। ऐसी सभी समस्याओं का समाधान उज्जयी, अनुलोम-विलोम और कपालभाति प्राणायामों के समुचित अभ्यासों से पूर्णतः नियन्त्रति किया जा सकता है। पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा योगाभ्यास की विविध विधाओं का अभ्यास कराते हुए बताया गया है कि जब भी किसी भी व्यक्ति के भीतर रक्त और प्राणवायु के संचार में असंतुलन होता है तो वह व्यक्ति किसी ना किसी बीमारी की चपेट में अवश्य आ जाता है , और योगाभ्यास के द्वारा सबसे पहले व्यक्ति के भीतर रक्त और प्राणवायु का प्रवाह ही संतुलित हो जाता है। जिससे व्यक्ति बहुत ही आसानी से स्वस्थ हो जाता है। इसलिए योगाभ्यास को स्वास्थ्य की सर्वोत्तम संजीवनी कहा जाता है। श्री हरीमूर्ति के द्वारा सर्वाइकल,स्पोन्डलाइटिस,कमर, रीढ़ की हड्डी और कंधों से सम्बन्धित अनेकों प्रकार की समस्याओं से पूर्णतः समाधान हेतु खड़े होकर, बैठकर और लेटकर किये जानें वाले मुख्य आसनों के साथ सरल और सहज व्यायामों का अभ्यास कराया गया। इस मौके पर योग शिविर के अध्यक्ष अधिवक्ता हरीनाथ,राजीव सिन्हा,विनय द्विवेद्वी, संजय सिंह, शशिभूषण, विकास,डा कमलेश यादव,डा ध्रुवराज, हंसराज चौधरी,डा ओम प्रकाश, राजेश,उदय प्रताप सहित अन्य साधक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अचल हरी मूर्ति ने उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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