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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा गुणवत्ता में होगा परिवर्तन : नीलिमा कटियार

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा गुणवत्ता में होगा परिवर्तन : नीलिमा कटियार 


विश्वपटल में देश की पहचान के लिए एजुकेशन में परिवर्तन जरूरी

 पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ अभिनंदन समारोह व संगोष्ठी

✍️देवेंद्र सिंह यादव

जौनपुर। प्रदेश की उच्च शिक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया सभागार में अभिनंदन समारोह संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि शिक्षा व्यवस्था में अभी बहुत परिवर्तन की आवश्यकता है ।सदियों से देश गुलाम था जो अब समाज सत्ता में बहुत परिवर्तन कर पाया है ।नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति धरातल पर आएगी
सभी शिक्षा व्यवस्था में सुधार व समाज का विकास होगा।  
पूर्व सरकारों में शिक्षा की हालत प्रसव पीड़ा जैसी दिखाई दे रही थी ,अब उससे निकलकर गुणवत्ता  की ओर बढ़ रही है  नई शिक्षा नीति से  परिवर्तन होगा।एजुकेशन परिवर्तन व
 वशीकरण से भारत के नेतृत्व को विकास की मुख्यधारा में लाया जा रहा है ।इसमें ज्ञान नीति नैतिकता का  समावेश होगा। शिक्षा व्यवस्था से विश्व के पटल पर पहचान के लिए एजुकेशन में परिवर्तन होना जरूरी है। जिससे भारत का भविष्य का नया निर्माण हो सके और भारत विश्व गुरु बन सकेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर लाने के लिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों  शिक्षकों की भूमिका जरुरी है। जिसमें मिट्टी मेधा सोचकर सम्मान करें ।इस  
परिवेश चिंतन आचार विचार समाज के साथ जुड़ जाता है ।शिक्षकों के कल्पनाओं में प्रकृत विकास व्यवस्था आकार लेती है ।

उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा की दौड़ में महाविद्यालयों की भूमिका सबसे जरूरी है।  इसके लिए प्रबंधक शिक्षक छात्र सभी की जिम्मेदारी बनती है, प्रतिस्पर्धा में शिक्षण संस्थानों को लाया जाए। कॉलेज नैक से भागे नहीं बल्कि नैक कराएं, जिससे उनकी ग्रेडिंग बधेगी और उनके पठन-पाठन में सुधार आएगा।

 भाजपा सरकार ने नकल माफियाओं का जाल तोड़ा और नकल रोकी। जिससे अब देश की प्रतियोगी परीक्षाओं व प्रतिस्पर्धा में छात्र अपने को मजबूत स्थित में प्रस्तुत करता है। शिक्षा गुणवत्ता बढी है। यह देश के पटल पर बनती बढ़ती दिखाई दे रही है  ऑनलाइन प्रक्रिया पारदर्शी हुई है। जिसमें गुणवत्ता की बाधाएं समाप्त हुई है।
 उन्होंने प्रबंधकों की चार समस्याओं निराकरण के लिए आश्वासन दिया। जिसमें तीन के निस्तारण की सहमति दी।  कानपुर की महापौर विशिष्ट अतिथि प्रमिला पांडे ने भोजपुरी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की देन है नारी सशक्तिकरण आज मुख्यधारा में है। और महिलाओं को सम्मान सभी क्षेत्रों में मिला है। विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा की प्रबंधकों की जो समस्याएं हैं उसका निदान के लिए हम उनके संघ के साथ खड़े हैं और विश्वविद्यालय के बंटवारे से संकट जरूर खड़ा हुआ है ,लेकिन इसके निदान के लिए हम शासन से मांग करेंगे कि विश्वविद्यालय में आसपास के जिलों को काटकर 3 जिले और शामिल किए जाएं ।
 अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने कहा कि नारी को सम्मान देकर राष्ट्र क्षेत्र समाज सब को सम्मान मिला है और आज नारी देश के निर्माण में अपनी भूमिका पूरी तरह से दे रही हैं। प्रबंधको की मांग पर उन्होंने कहा कि 
जो संभव है उसका निस्तारण कर दिया जाएगा शेष के लिए पत्राचार किया जाएगा। इसके पूर्व स्ववित्तपोषित पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रबंधक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश तिवारी व सूर्यभान यादव, संजीव सिंह, संरक्षक अशोक दुबे ने पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना के सेविकाये समन्वयक  डॉ राकेश कुमार यादव के नेतृत्व में पुष्प वर्षा कर अतिथियों का स्वागत किया । इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार वित्त अधिकारी संजय राय ,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, सहायक कुलसचिव बबीता सिंह अमृतलाल पटेल, दीपक सिंह, शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह, प्रो अजय द्विवेदी, डॉ ज्ञान प्रकाश पाठक, रत्नेश तिवारी ,डॉ राकेश कुमार  ,मानसिंह ,मुन्नेलाल यादव, सूर्यभान,श्रीनाथ यादव, श्याम त्रिपाठी रामजी सिंह, स्वतंत्र कुमार, उच्च शिक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश वर्मा, डॉ केएस तोमर, राममूरत यादव ,रमेश यादव , संचालन 
प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने किया।

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