कमीशन खाने लिए अपनी सेटिंग वाली पैथोलॉजी पर भेजते है मरीज
✍️रिपोर्टर-मोहम्मद असलम खान
केराकत(जौनपुर)। कोतवाली क्षेत्र के स्टेशन रोड सरायबिरु, थानागद्दी, सर्की, नईबाजार, देवकली, सरायबीरू चौराहा, कुसरना आदि स्थानों पर झोला छाप डॉक्टरों का धंधा मरीजों की जेब का सेहत बिगाड़ रहा है।
दवा के नाम पर मरीजों की जेब पर डाका डालने वाले डॉक्टर पैथोलॉजी जांच में खाते हैं कमीशन। कमीशन के चक्कर में लिखते है अधिक जांच।
यह कमीशन सीधे धरती के भगवान डॉक्टर की जेब में जाता है। अधिक कमाई के लिए जरूरत से अधिक जांचें कराने का भी खेल होता है।
बिना किसी डिग्री के गरीब मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लगाम नहीं कसने से इनके हौसले बुलंद है। ये जांच के नाम पर सिर्फ गरीब और बेसहारा परिवार को ठगते हैं। विभाग को जानकारी के बावजूद मौन धारण किए बैठा है।
60 परसेंट तक फिक्स है कमीशन।
प्राइवेट पैथोलॉजी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर्स मरीज भेजने वाले डॉक्टर्स को 20 से 60 परसेंट तक का कमीशन देते हैं। इसीलिए 500 रुपए में होने वाली जांच 1000 रुपए की पहुंच जाती है। यही हाल अन्य जांचों का भी है। डॉक्टर्स को कमीशन के बदले बाकायदा एक पैकेज भी ऑफर होता है। लेकिन डॉक्टरो की लालची प्रवृत्ति मरीजों की जेब पर लगातार डाका डाल रहै है। इस कमीशन के गंदे खेल में 90 परसेंट तक सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर शामिल हैं। प्राइवेट में इलाज कराने का सीधा सा मतलब है कि उनकी बताई हुई पैथोलॉजी से ही जांच करानी होगी।

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