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4 वर्ष दस माह बाद माँ दुर्गा की अष्टधातु प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा

4 वर्ष दस माह बाद माँ दुर्गा की अष्टधातु प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा 

गोमती की अपार जल से मिली थी माता रानी की प्रतिमा 
✍️रिपोर्ट : मोहम्मद असलम खान

केराकत (जौनपुर) । लगभग 200 वर्ष पुरानी माँ दुर्गा की अष्टधातु प्रतिमा जो 5 अगस्त वर्ष 2021को शाम के समय गोमती नदी से मछुआरों के जाल में निकली थी। वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को केराकत कोतवाली परिसर स्थित हनुमान मंदिर के बगल में वैदिक मंत्रोचार और हवन पूजन के साथ माँ दुर्गा की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित कर दिया गया।
यह दुर्लभ प्रतिमा 6अगस्त वर्ष 2021में उस समय चर्चा में आई थी,जब मछुआरों के जाल में यह गोमती नदी से निकली थी। और दो गांवो के ग्रामीण प्रतिमा पर अपने हक को लेकर आपस में लड़ने लगे थे। प्रतिमा कुसरना गाँव के महादेवा घाट पर मिली थी, और प्रतिमा को पाने वाले मछुवारे सरोज बड़ेवर गाँव के थे। विवाद बढ़ता देख स्थानीय पुलिस द्वारा प्रतिमा को जब्त कर इसे कोतवाली के मालखाने में सुरक्षित रख दिया गया था। चूंकि यह प्रतिमा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई, इसलिए इसे आम जनता से दूर रखकर सुरक्षा में रखा गया।

प्रतिमा की जाँच में विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट किया कि यह अष्टधातु से बनी हुई है और इसकी आयु लगभग दो शताब्दी पुरानी है। धातु संरचना, शिल्पकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण इसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक बताई गई। इसके संरक्षण के बाद से ही स्थानीय लोग इसकी स्थापना की माँग करते आ रहे थे।

वर्तमान कोतवाल की पहल से मूर्ति को मिला स्थान 

वर्तमान कोतवाल प्रभारी अवनीश कुमार राय ने जनता की आस्था और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए पहल की और प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा एवं सार्वजनिक स्थापना का निर्णय लिया। प्रशासनिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद आयोजन की तैयारियाँ शुरू की गईं।

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ प्राण प्रतिष्ठा समारोह

स्थापना के दिन सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्र होने लगे। प्रतिमा को विशेष रथ पर सुसज्जित कर पूजा-अर्चना के साथ मंदिर लाया गया। वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिवत पूजन और प्राण प्रतिष्ठा की गई। पूरे कार्यक्रम के दौरान मंत्रोच्चार, भजन, हवन एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ गूंजता रहा।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में क्षेत्र के कई अधिकारी, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए। आयोजन कोतवाली द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें हज़ारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर अपराध निरीक्षक विजय शंकर यादव, अवधेश कुमार, रणजीत सिंह, रवि कुमार सिंह, मिथलेश राजभर, राकेश पाल, राकेश सिंह आदि लोग उपस्थि रहे।

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