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डेहरी गांव फिर बना चर्चा का विषय

डेहरी गांव फिर बना चर्चा का विषय

बहुभोज कार्ड सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा है वायरल 

एक वर्ष पूर्व सरनेम बदलने पर सियासी गलियारों में मचा था भूचाल
✍️रिपोर्ट - मोहम्मद असलम खाॅंन 

केराकत, जौनपुर। क्षेत्र का डेहरी गांव एक बार फिर सुर्खियों में है वजह बहुभोज (दावते वलीमा) का कार्ड, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसे देख लोग हिंदू-मुस्लिम एकता का मिसाल देते हुए जमकर तारीफ कर रहे हैं। बहुभोज कार्ड डेहरी गांव निवासी विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद 'दुबे' की तरफ से बांटा जा रहा है। कार्ड के लिफाफे पर साफ लिखा गया है कि श्री लालबहादुर दुबे 1669 ई. के जमींदार के आठवीं पीढ़ी के वंशज खालिद 'दुबे' की शादी एवं बहुभोज (दावते वलीमा) के शुभ अवसर पर आप सभी आमंत्रित है, जिसे लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिख रहे हैं कि निमंत्रण देने वाले नौशाद अहमद 'दुबे' ने अपने पुराने क़बीलाई टाईटल को आज भी बरकरार रखा है, जो भारत में बहुत कम देखने को मिलता है। नौशाद अहमद 'दुबे' ने 'उमीद ऑफ पब्लिक' से कहा कि रविवार को मेरे भतीजे खालिद का निकाह सुनिश्चित किया गया जिसके उपलक्ष्य में बहुभोज का कार्यक्रम रखा गया है। बहुभोज का कार्ड विशाल भारत संस्थान के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व संघ परिवार को आमंत्रित किया गया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आमंत्रित किए गए लोग जरूर बहुभोज में शामिल होकर वर-वधू को आशीर्वाद देंगे।

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बहुभोज कार्ड का बना अनसुलझी कहानी

बहुभोज (दावते वलीमा) कार्ड की छिड़ी जंग में एक अजब गजब कहानी का एक ऐसा भी एंगल है जिसे समझने की भी जरूरत है। जैसे परिवार का एक ही सदस्य अपना सरनेम क्यों बदला वैसे ही बहुभोज कार्ड का लिफाफा दो तरह का क्यों? एक कार्ड के लिफाफे पर नौशाद अहमद 'दुबे' के आठवीं पीढ़ी का जिक्र किया गया है तो वहीं दूसरे कार्ड के लिफाफे पर केवल बहुभोज (दावते वलीमा) ही लिखा गया है। चर्चा ये भी है कि हिंदू समाज के लिए अलग कार्ड और मुस्लिम समाज के लिए अगल कार्ड छपवाया गया है। चर्चाओं पर अगर गौर करे तो जैसे परिवार का एक ही सदस्य सरनेम बदला वैसे ही बहुभोज कार्ड भी एक अनसुलझी पहेली की तरह ही है।

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सरनेम बदलने पर सियासी गलियारों में छिड़ी थी जंग

आपको बता दें कि एक वर्ष पूर्व 10 दिसंबर को नौशाद अहमद के घर शादी पड़ी थी और नौशाद अहमद ने शादी कार्ड पर अपना नाम नौशाद अहमद 'दुबे' लिखा था। यह कार्ड जिसने भी देखा वह आश्चर्यचकित रह गया। शादी के एक माह बीत जाने के बाद जैसे भी सरनेम बदलने की खबर मीडिया में प्रकाशित हुई देखते ही देखते डेहरी गांव प्रदेश ही नहीं देश व दुनिया में सुर्खियां बटोरने लगा। सरनेम बदलने को लेकर जहां मुस्लिम समुदाय में नाराजगी साफ देखी गई। वहीं हिंदू समाज ने इस बदलाव का स्वागत किया था और अब बहुभोज कार्ड को लेकर एक बार फिर डेहरी गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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