संत गाडगे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सपाइयों ने लिया संकल्प
समाजवादी पार्टी कार्यालय में हुआ भव्य कार्यक्रम
✍️यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। संत शिरोमणि गाडके महाराज की 145 वे जंयती के अवसर पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्ययता करते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पूर्व विधायक लालबहादुर यादव ने कहा संत गाडके महाराज का असली नाम देवीदास डेबुजी जानोरकर है। उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेडगाँव में एक धोबी परिवार में हुआ था। बचपन में उन्हें खेती और मवेशियों में दिलचस्पी थी। उन्होंने 1892 में शादी की और उनके तीन बच्चे थें, अपनी बेटी के नामकरण समारोह के दौरान उन्होंने पारंपरिक शराब के बजाय मीठे के साथ शुध्द शाकाहारी भोजन परोसा। एक संत के रूप में अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार को छोड़ने से पहले अपने गांव में एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया। वह अपना ट्रेडमार्क झाड़ू लेकर चलते थे, और टोपी पहनते थे । जब भी वह किसी गांव में पहुंचते तो वह गांव की नालियों और सड़के साफ करते थे। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा पैसा दिया जाता था। उसका इस्तेमाल समाज के लिए कुछ अच्छा करने के लिए करते थे । गाडगे महाराज का मानना था नर की सेवा ही नारायण सेवा हैं। उसके तहत उन्होंने कई शैक्षिक संस्थाओं धर्मशाला, अस्पतालों और पशु आश्रम को उनके द्वारा प्राप्त धन के साथ शुरू किया है।
उन्होंने कीर्तन के रूप में भी कक्षाएं संचालित किया। ज्यादातर कबीर के दोहे समाज को नैतिक सबक देते थे। उन्होंने लोगों से सरल जीवन जीने धार्मिक उद्देश्य के लिए पशु वध को रोकने और शराब के खिलाफ अभियान चलाने का अनुरोध किया ।
उन्होंने गरीब को कड़ी मेहनत सरल जीवन और निस्वार्थ सेवा का उपदेश दिया । अनाथ और विकलांगों के लिए धार्मिक स्थानों और घर में धार्मिक स्कूल की स्थापित किए । 20 दिसंबर 1956 को अमरावती जाते समय महाराज की मृ हो गई थी।
गोष्ठी में श्याम बहादुर पाल, श्रवण जयसवाल, वरिष्ठ नेता राहुल त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष शकील अहमद, पूनम मौर्या, रुक्शार अहमद, अनवारुल हक, मालती निषाद, शेखू खाँ, शिवजीत यादव, आरीफ हबीब, भानु मौर्या, गुड्डू सोनकर, बाबा यादव, लाल मोहम्मद , मजहर, आशीफ, संजीव साहू, मयाकंन्त यादव राकेश यादव, अरशद, संजीव यादव अन्य उपस्थित रहे।
संचालन जिला महासचिव हिसामुद्दीन शाह ने किया।
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