सूबे की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, कस्टोडियल डेथ मामले में आरोपी सभी कर्मियों की हो जल्द गिरफ्तारी-अखिलेश यादव पूर्व सीएम
✍️इन्द्रजीत सिंह मौर्य/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूर्व विधायक ज्वाला प्रसाद यादव को श्रद्धांजलि देने बक्शा थाना क्षेत्र के चक मिर्जापुर पहुंचे। जहां बीते 11 फरवरी की रात पुलिस अभिरक्षा में मृत किशन यादव उर्फ पुजारी के परिजनों से मिलने के बाद श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस दौरान भाजपा सरकार पर उन्होंने जमकर निशाना साधा।
कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। आए दिन हत्याएं, लूट, दुराचार की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। न ही युवाओं को रोजगार मिल रहा है, न ही गरीबों को मदद। सूबे की जनता अब समाजवादियों का इंतजार कर रही है। श्रद्धांजलि देने पहुचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा यूपी सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह से फेल है। यूपी सरकार झूठ बोल कर भारतीय जनता पार्टी 324 सीट जीत सकती है। तो समाजवादी पार्टी सच्चाई के साथ लोगों को जोड़कर हर वर्ग के लोगों को अपने साथ लेकर और विकास कार्यों का विजन दिया था।
क्योंकि सरकार के पास कोई विजन नहीं है , यदि सरकार के पास कोई विजन होता तो शायद पुरानी योजनाओं से ज्यादा अपनी योजनाएं लागू करते क्योंकि सरकार का कोई विजन नहीं है। सरकार क्यों पुरानी योजनाओं को ही पीट रहे हैं।उत्तर प्रदेश दोबारा विजन के रास्ते पर जाना चाहता है। पूर्व में भी समाजवादी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी इस बार भी मजदूर गरीब व्यापारी सब मिलकर सिर्फ समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने जा रहे हैं।
किशन यादव को घर से ले जाकर पुलिस ने इतना मारा इतना मारा और जब पुलिस को ही आभास हुआ किसकी जान नहीं बचेगी तो ले जाकर अस्पताल में छोड़ कर चले गए ।
परिवार के लोगों का यहां तक कहना है कि अस्पताल में भी जो इलाज मिलना चाहिए था वह नहीं मिला, यदि इस घटना के लिए कोई दोषी है तो वह पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। जिन लोगों ने जान ली है। उन तमाम पुलिस के लोगों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सरकार जब यह कहती है कि कानून व्यवस्था को लेकर सख्त है लेकिन कानून व्यवस्था पर कार्रवाई होगी तो जिन्होंने हत्या की है यदि हत्या हुई है तो कौन किसको बचा रहा है । जिन लोगों ने हत्या किया है उन को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए। इस परिवार को न्याय मिले मैं यही चाहता हूं। अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि
जौनपुर में अपराध नही रुक रहा है। जिले में लगातार हत्याएं हो रही हैं , सरकार कानून व्यवस्था के नाम पर कोई काम नहीं कर रही है। सदन में मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि यह देश संविधान और परंपराओं से चलना चाहिए ऐसे मुख्यमंत्री से क्या उम्मीद की जा सकती है जो मुख्यमंत्री कहते हो ठोके दो।
मुख्यमंत्री योगी तमाम तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, आज जो भाषा वह प्रयोग कर रहे हैं शायद ही लोकतंत्र में किसी ने इस तरह की भाषा का प्रयोग किया होगा। लोकतंत्र में जितना सत्तापक्ष की जरूरत है उतना ही विपक्ष मजबूत करता है ।
लोकतंत्र को जितने अधिकार सत्ता में मिले हैं किसी भी सदस्य को बोलने का अधिकार सदन में नही दिया जाता है। योगी जी कहते हैं पटक के मार दो घर जाओगे तो पीटे जाओगे। क्या यह किसी मुख्यमंत्री की भाषा हो सकती है ।
जबकि खुद मुख्यमंत्री साधु संत और योगी हैं। यह कोई किसी एक का अपमान नहीं हो रहा है लोकतंत्र में यह अपमान सभी का हो रहा है। प्रदेश में लगातार हत्या लूट बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं। यदि प्रेस के लोग भी कुछ लिख देते हैं और उसे ट्वीट कर देते हैं तो उनके ऊपर भी मुकदमे लिख दिए जाते हैं ।
उन्होंने कहा भाजपा के लोगों से पूछना चाहता हूं कि आखिर 4 साल में अभी तक जौनपुर के मेडिकल कालेज का निर्माण क्यों नहीं हुआ ।102 नंबर और 112 नंबर क्यों बदल दिया जाता है। इसलिए टोपी की बात आ जाती है तो मुख्यमंत्री जी भूल गए हैं यह जो लाल रंग है लाल रंग क्रांति का है, लाल रंग हमारी आपके खून का है । आपको बता दें यह जो खून का रंग है लाल रंग है । यदि खुश होते हैं तो आपके कान मुह लाल हो जाते हैं । जब दुखी होते हैं तो आंख लाल हो जाती है। चेहरा लाल लगता है। मुझे लगता कि मुख्यमंत्री जी कभी बचपन में लाल मिर्च खा लिया थे, जो लाल टोपी से इतना चिढ़ते है। किसी बच्चे ने कहा कि यह अपराधी या गुंडे हैं ।
शाहजहांपुर में हुई घटना पर ने कहा कि वहां हमारा प्रतिनिधि मंडल गया था वहां लोगों ने कहा कि हमको इस बलात्कारी सरकार से बचा लीजिये।
बजट पर बोलते हुए कहा कि जनता के साथ यह धोखा था वह अपना ही संकल्प पत्र भूल गए हैं तो उनसे क्या उम्मीद करेंगे । जब लखनऊ जैसा शहर सुरक्षित नहीं है। पूरे प्रदेश में तमाम फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं , सबसे ज्यादा यदि किसी को एनआरसी से नोटिस मिली है तो उत्तर प्रदेश सरकार है । सबसे ज्यादा कस्टडी में अगर कहीं डेथ हुई है तो वह उत्तर प्रदेश में हुई है।
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