शाहगंज में विकास की राह में जाम, दशकों से लंबित बाईपास की मांग फिर तेज
भू माफिया ज़मीन बेच रहे हैं सोने के भाव
रिपोर्ट:नौशाद मंसूरी✍️
शाहगंज (जौनपुर)। किसी भी गांव, नगर या शहर के समग्र विकास के लिए बिजली, पानी, सड़क और यातायात जैसी मूलभूत सुविधाएं रीढ़ मानी जाती हैं। लेकिन जौनपुर जनपद का प्रमुख नगर शाहगंज वर्षों से यातायात जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। नगर को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए दशकों से एक अदद बाईपास की मांग की जा रही है, जो आज तक पूरी नहीं हो सकी।
करीब एक दशक पूर्व उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने शाहगंज के रामलीला मैदान में आयोजित जनसभा के दौरान खुले मंच से बाईपास निर्माण की घोषणा की थी। यह घोषणा नगरवासियों के लिए उम्मीद की किरण बनी, लेकिन समय बीतने के साथ यह महज एक वादा बनकर रह गई। इसके बाद कई चुनाव आए और गए, विभिन्न दलों के नेताओं ने आश्वासन भी दिए, लेकिन शाहगंज की जनता की बहुप्रतीक्षित मांग आज तक हकीकत में नहीं बदल सकी।
नगर की स्थिति यह है कि मुख्य मार्ग पर हर दस मिनट में जाम लगना आम बात हो गई है। स्कूली बच्चों, मरीजों, व्यापारियों और आम नागरिकों को रोजाना भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके, बाईपास निर्माण को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी।
इधर हाल ही में मिर्जापुर से जौनपुर होते हुए शाहगंज वाया अयोध्या फोरलेन सड़क निर्माण की खबर सामने आने के बाद नगर में नई बहस छिड़ गई है। नगर का मुख्य मार्ग पहले से ही काफी संकरा है। ऐसे में यदि फोरलेन सड़क नगर के भीतर से निकाली गई, तो सैकड़ों परिवारों को विस्थापन और भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दूसरी ओर, फोरलेन की संभावनाओं को भांपते हुए भू-माफिया भी सक्रिय हो गए हैं। भविष्य में जमीनों की कीमतें बढ़ने की उम्मीद में सस्ती जमीनों की खरीद-फरोख्त तेज हो गई है। हालात यह हैं कि भू-माफिया अभी से मिट्टी को भी सोने के भाव बेचने की तैयारी में जुटे नजर आ रहे हैं।
हालांकि फोरलेन को लेकर अभी तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन इसके सामने आते ही नगर की कई सामाजिक संस्थाएं और समाजसेवी एक बार फिर बाईपास की मांग को लेकर सक्रिय हो गए हैं। उनका कहना है कि फोरलेन यदि नगर के बाहर से बाईपास के रूप में निकाली जाए, तो यातायात समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है और आम नागरिकों को नुकसान से भी बचाया जा सकता है।
अब देखना यह है कि आने वाले समय में फोरलेन नगर के भीतर से गुजरती है या फिर दशकों से लंबित शाहगंज बाईपास की मांग आखिरकार पूरी होती है। नगरवासियों की निगाहें एक बार फिर शासन-प्रशासन के फैसले पर टिकी हुई हैं।
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