राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष कर्मचारी नेता राकेश ने डीएम को सौपा पत्र
मास्टर ट्रेनर एवं मतगणना हेतु लगाए जा रहे राज्यकर्मियों की कोविड-19 से सुरक्षा का उठा मामला
✍️यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना में लगाए जाने वाले राज्य कर्मचारियों की सुरक्षा का मुद्दा कर्मचारी नेता राकेश श्रीवास्तव ने मंगलवार को जोर शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि मतगणना के साथ हमारे हजारों कर्मचारियों और उनके परिवार की की सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसके लिए जिला प्रशासन को खास तैयारी करने की जरूरत है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना एवं मास्टर ट्रेनर हेतु समायोजित किए जा रहे राज्यकर्मियों की सुरक्षा प्रशिक्षण के दौरान जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा की गई अब तक की सभी तैयारियां नगण्य होने के नाते तमाम कर्मचारी संगठनों एवं कर्मचारियों द्वारा असंतोष व्यक्त किया गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के सम्बद्ध घटक संघ एवं कर्मचारी साथियों द्वारा यह प्रकरण जिलाध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव के संज्ञान में देते हुए यह अपेक्षा की गयी कि जिले के हजारों कर्मचारियों के मुखिया होने के नाते श्री श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी /जिला निर्वाचन अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से अनुरोध करें कि अब से चुनाव कार्य में योजित राज्य कर्मियों की कोविड-19 से सुरक्षा सुनिस्चित की जाए।
एवं सुरक्षा उपकरण स्वसमय कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाए। मतगणना में तैनात किए जाने से पूर्व कर्मियो की कोविड-19 जाँच की जाए एवं जो कर्मचारी किसी भी प्रकार के बीमारी से ग्रसित है । उन्हें मतगणना में भाग ना लेने दिया जाएँ व उनकी ड्यूटी तुरंत निरस्त की जाएं।
ज्ञात हो रहा कि पहले चरण के चुनाव सम्पन्न कराने के पश्चात सैकड़ो कर्मचारी को बुखार, ज़ुखाम आदि जैसे लक्षण दिखने लगे हैं। कुछ कर्मचारी संक्रमण के प्रकोप के चलते नहीं रहे।
आखिर ड्यूटी से क्यों भाग रहे हैं कर्मचारी !
जौनपुर। 15 अप्रैल को प्रथम चरण के हुए मतदान में ड्यूटी करने वाले एक दर्जन परिषदीय विद्यालय के शिक्षक मौत के मुंह में चले गए।
यह सभी शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गए थे। इनमें कुछ महिलाएं गर्भवती थी, कुछ बीमार थी। वह ड्यूटी कटवाने के लिए जिला प्रशासन के पास विकास भवन में दौड़ते रहे, लेकिन उनकी ड्यूटी नहीं कटी। आखिरकार डर वश उन्होंने ड्यूटी किया और आज वह मौत के मुंह में चले गए । दो दर्जन शिक्षक अभी भी बीमार चल रहे हैं । इनमें प्रतिभाशाली उच्च शिक्षित और शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने वाले शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक थी । 12 शिक्षकों की मौत से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला समेत शिक्षक संगठन पहले ही आक्रोश जाहिर कर चुका है।
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