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बीमार शिक्षकों की मतगणना में ड्यूटी लगाने से भड़का आक्रोश


बीमार शिक्षकों की मतगणना में ड्यूटी  लगाने से भड़का आक्रोश


मतदान में ड्यूटी करने वाले दर्जन भर शिक्षकों की हो चुकी है मौत,  दो दर्जन शिक्षक हो गए हैं बीमार



प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने चुनाव आयोग व डीएम को भेजा मांग पत्र

 यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद

जौनपुर।  प्रथम चरण के चुनाव में ड्यूटी करने वाले दर्जन भर शिक्षकों व कर्मचारियों की मौत और दो दर्जन शिक्षकों के बीमार होने से जिले के परिषदीय शिक्षकों में खासा आक्रोश बढ़ गया है।  इधर जिला प्रशासन ने पूर्व में ड्यूटी कर चुके शिक्षकों को एक बार फिर 2 मई को होने वाली मतगणना में ड्यूटी लगा दी गई है।
सोमवार को यह खबर जैसे ही उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ  को मिली, जिले भर के परिषदीय शिक्षकों में  खासी नाराजगी बढ़ गई। संघ  के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला द्वारा मतगणना में  शिक्षकों की ड्यूटी के संबंध में अपना ज्ञापन  प्रदेश के मुख्य निर्वाचन कार्यालय, जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा, मतदान कार्मिक अधिकारी समेत सभी उच्च अधिकारियों को तुरंत फैक्स के माध्यम से भेजा गया।
पत्र में  शिक्षक नेता अरविंद शुक्ला ने अवगत कराया गया कि गत 15 अप्रैल को  त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन संपन्न कराने में जितने भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी । उसमें से अधिकांश शिक्षक बीमार चल रहे हैं, और दर्जनों शिक्षक का असमय काल कलवित  हो गए। अभी शिक्षक स्वस्थ्य भी नहीं हो पाए थे की पुनः उनकी ड्यूटी मतगणना में लगा दी गई है।
 अब ऐसे में बीमार शिक्षकों को भी मतगणना की ड्यूटी करनी पड़ेगी । 
जिससे आगे चलकर कोरोना संक्रमण और भी फैल सकता है ।
श्री शुक्ल द्वारा मांग की गई है कि जिन शिक्षकों का स्वास्थ्य ठीक नही है, उनकी ड्यूटी मतगणना में न लगाई जाए । जिनकी ड्यूटी मतगणना में लगाई जा रही है उनकी सुरक्षा संबंधी मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए। 
इस अवसर पर संतोष कुमार सिंह, लक्ष्मीकांत सिंह, लाल साहब यादव, राम दुलार यादव,  वीरेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य शिक्षक पदाधिकारी उपस्थित रहे।



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शिक्षकों के परिवार की सुरक्षा की गारंटी ले प्रशासन, अरविंद

जौनपुर। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने साफ तौर पर कहा कि पिछले चुनाव में ड्यूटी करने वाले एक दर्जन शिक्षकों की मौत हुई है,  उसके बाद भी जिला प्रशासन आंख मूंदे हुए हैं । ऐसे में अब जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है, उनके साथ अगर किसी प्रकार की कोई दुर्घटना हुई तो उनके और उनके परिवार की सुरक्षा की गारंटी जिला प्रशासन को लेनी होगी। नहीं तो उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य होगा।
कहा शिक्षकों की ड्यूटी दो पाली में लगाई गई है, और एक पाली में 12 घंटे ड्यूटी करना है।
 ऐसे में मांग की गई है कि शिक्षकों की ड्यूटी मतगणना में केवल एक पाली में ही लगाई जाए। जिससे शिक्षक पूर्ण रूप से आराम कर सके।

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