जौनपुर : डीएम के निर्देश पर चकबन्दी की सुनवाई के लिए लगा चौपाल
सीआरओ, एसडीएम सहित चकबन्दी के आला अफसर रहे मौजूद।
✍️फिरोज खान पठान
बरईपार,जौनपुर। सिकरारा थाना अंतर्गत ग्राम सभा लखेसर में चकबन्दी प्रक्रिया का सीमांकन कार्य 18 वर्षों से लंबित चल रहा है जब भी चकबंदी सीमांकन कार्य हेतु टीम गांव में आती है तो कुछ ग्रामीणों द्वारा पक्ष और विपक्ष को लेकर शिकायतों के मद्देनजर अवरोध उत्पन्न किया जाता रहा। जिसकी शिकायत लोग जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से किये। डीएम ने उच्च अधिकारियों को निर्देशित कर उक्त गांव सभा के प्राथमिक विद्यालय परिसर में जन समस्या की सुनवाई हेतु चौपाल लगवाई। चौपाल में मुख्य राजस्व अधिकारी राजकुमार दुबे, एसडीएम सदर नीतीश कुमार सिंह, तहसील दार सदर व जिला बंदोबस्त चकबन्दी अधिकारी दयानंद चौहान् , चकबंदी अधिकारी सदर गजाधर सिंह ,तहसील और चकबंदी विभाग के 10 लेखपाल व कानूनगो व सुरक्षा हेतु भिलमपुर चौकी से पुलिस के सिपाही सहित लगभग पांच सौ ग्रामीण उपस्थित रहे। एसडीएम सदर ने लोगो को कोरोना काल के चलते मास्क लगाकर उचित दूरी बनाए रहने का सुझाव दिया। इसके बाद उपस्थित अधिकारियों ने दोनों पक्षों को सुना जिसमे 1991 में गजट हुए गांव का पुष्टिकृत 2003 में हो गया था। 18 वर्षों से बाधित पैमाइश कार्य पर दोनों पक्षों की समस्या ध्यानपूर्वक चकबंदी अधिकारियो के सामने रखी गई। मुख्य राजस्व अधिकारी ने इतने लंबे समय तक गांव के लंबित रहने पर घोर चिंता व्यक्त की व दोनों पक्षों को न्याय के लिए आ·ास्त किये कि उप जिलाधिकारी सदर द्वारा तहसील और चकबंदी दोनों स्तर की टीम लगाकर सीमांकन कार्य पूरा कराये जाने का वादा किया और कहा कि पैमाइश से पूर्व ग्रामीणों की शिकायतों को दो दिन में लेकर उसका निस्तारण विधि पूर्वक जो भी होगा कर दिया जाएगा। इस दरमियान भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे और अधिकाधिक किसान ने अपनी पीड़ा रास्ते को लेकर सुनाई की आजादी के बाद भी आज तक मेरे घर के सामने तक गाड़ी नही पहुँच पाती है व घर निर्माण भी नही करा पा रहा हूँ । किसानों की मांग रही कि गांव की समस्या का निदान बिन पैमाइश के सम्भव नही है क्योकि गांव में आधे से अधिक कब्जा परिवर्तन होने से कुछ किसान अपनी चको पर काबिज नही है जिससे गांव में कब्जा को लेकर विवाद होता रहता है। जिसका निदान चक पैमाइश ही है। गांव की समस्या हेतु ग्राम प्रधान निशा तिवारी पत्नी शैलेन्द्र तिवारी ने भी गांव की पैमाइश को पूरा करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया और अनुरोध किया कि इस गांव की समस्या का निदान सीमांकन कार्य से ही हो पाएगा जो कि आंशिक तौर पर ही शेष बचा है।
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