Header Ads Widget

डेढ़ दर्जन कॉलेजों का अचानक रद्द हुआ परीक्षा केंद्र

डेढ़ दर्जन कॉलेजों का अचानक रद्द हुआ परीक्षा केंद्र

 प्रबंधकों ने लगाया भेदभाव करने का आरोप 

छात्राओं का भी भेजा गया दूर कालेजों पर  परीक्षा सेंटर

✍️रिपोर्टर-मोहम्मद अरशद

 जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में परीक्षा केंद्र लेकर एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है।  प्रंबन्धको ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीयू के जिम्मेदारो ने अचानक डेढ दर्जन परीक्षा केंद्र रद्द किया।  अचानक परीक्षा केंद्र बदलते हुए छात्राओं का भी परीक्षा सेंटर भेज दिया गया। जो नियमों के खिलाफ   सेंटर बनाने के लिये सुविधा शुल्क लेने का भी आरोप लगाया गया। जिसमें सबसे अधिक मामले गाजीपुर जिले की है।

 पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षाए 5 जुलाई से शुरू हो रही है। जिसमें चारो जिलों मे कुल 681 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।करीब डेढ़ दर्जन कॉलेजों को परीक्षा केंद्र अचानक रद्द करने से कालेज प्रबंधकों  ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।  बता दें कि परीक्षाओं को लेकर छात्राओं का परीक्षा केंद्र स्वकेंद्र रहा हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी गाइडलाइन को ताक पर रखकर उनका सेंटर भेजा गया है ।काफी ऐसे सेंटर भेजे गए हैं जो 30 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर दूरी तक बनाए गए हैं। प्रबंधकों का आरोप है कि सुविधा शुल्क न देने के चलते उनका परीक्षा केंद्र काटा गया। जिसमें सबसे अधिक मामले गाजीपुर के हैं ।गाजीपुर जिले के राम मनोहर लोहिया पीजी कॉलेज झोटारी, राम नगीना मुरियारी , बाबू नंदन आदर्श महाविद्यालय , कृष्ण सुदामा महाविद्यालय , गुरु फूलचंद महाविद्यालय गौरवपुर ,काशी नाथ महाविद्यालय ककरही, हीरा सिंह महाविद्यालय , मोती महाविद्यालय सैदपुर, बालाजी महाविद्यालय औडिहार, शिव महाविद्यालय खानपुर, मां सुदामा महाविद्यालय खानपुर ,बाबा विश्वनाथ पीजी कॉलेज तेलियानी, डीएवी महाविद्यालय मौजा , संत बुला महाविद्यालय गाजीपुर, आचार्य बलदेव पीजी कॉलेज पत्तरही जौनपुर ,मां आशा देवी महाविद्यालय कुछमुछ नयनसंड के परीक्षा केंद्र को रद्द किया गया हैं।आरोप है कि सभी एक जाति विशेष के कालेजों पर कार्यवाही की गई है। जिसकी शिकायतें कालेज प्रबंधकों ने शासन व उच्च अधिकारियों से की है। कॉलेज प्रबंधक अनिल यादव, नगीना यादव जितेंद्र यादव, सुनील यादव ,मोती सिंह, भूलन यादव का कहना है कि 18 साल से परीक्षा केंद्र था, कोविड-19 मे  ऐसा क्या हो गया कि लोगों ने परीक्षा केंद्र को काट दिया। जिसमें छात्राओं को भी स्वकेंद्र के बावजूद भी रद्द किया है। बिना कारण बताए परीक्षा केंद्र रद्द करना गलत है। जिनके पास कमरे नहीं हैं वहां परीक्षा केंद्र भेजा गया है ।इसलिए हम लोग शासन व उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत कर रहे हैं।
 जबकि इस बारे में सहायक कुलसचिव अमृतलाल का कहना है कि यह मामला परीक्षा संचालन समिति का है। सेंटर विश्वविद्यालय नहीं बनाता। परीक्षा संचालन समिति इस मामले पर जाने।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ