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जौनपुर में अब हालात बद से बदतर हो गए, किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही

जौनपुर में अब  हालात बद से बदतर हो गए, किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही

आक्सीजन के अभाव में जौनपुर जिला अस्पताल के बरामदे में लेटे पाए गए, अस्पताल की लापरवाही हुई उजागर

✍️यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद

जौनपुर। सूबे के मुख्यमंत्री भले ही लाख दावा करे लेकिन जौनपुर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। लोगों को न तो ऑक्सीजन मिल रहा है, ना उन्हें अस्पतालों में दाखिला। गुरुवार को
अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में ऐसे ही एक मरीज ऑक्सीजन लेवल डाउन होने के कारण पहुंचे, जिन्हें जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा यह बोला गया कि यहां पर बेड खाली नहीं है। 
ऑक्सीजन की कमी के कारण तड़पते मरीज जिला अस्पताल के बरामदे में ही लेट गए ।  जिनकी स्थिति बेहद नाजुक दिखाई पड़ रही थी। उन मरीजों को तड़पता देख निजी एंबुलेंस के मालिक व ड्राइवर ने  मानवता दिखाते हुए तत्काल अपने एंबुलेंस से ऑक्सीजन निकाल कर तुरंत मरीजों को लगाएं । इन मरीजों के लिए निजी एंबुलेंस मालिक बने मसीहा।
जबकि मुख्यमंत्री बार-बार सभी जनपदों के जिलाधिकारी को यह निर्देश दे रहे हैं कि कोई भी अस्पताल कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतेगा।
 वही जौनपुर के जिला अस्पताल के बरामदे में इन ऑक्सीजन की कमी के कारण तड़पते मरीजों को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल किस तरीके की लापरवाही बरत रहा है।
 ऐसे में इन मरीजों के साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। यह बताने वाला कोई नहीं है।

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