Header Ads Widget

आजमगढ़ के एक छोटे से गांव डीहपुर के रहने वाले कवि सत्येन्द्र प्रताप उपाध्याय द्वारा लिखित कविता अमेज़न पर उपलब्ध


आजमगढ़ 
के एक छोटे से गांव डीहपुर के रहने वाले कवि सत्येन्द्र प्रताप उपाध्याय  द्वारा लिखित कविता 
अमेज़न  पर उपलब्ध...


 आज़मगढ़सत्येन्द्र प्रताप उपाध्याय " इस नाम से काफी लोग अपरिचित होंगे और क्यों न हों? क्योंकि इस दौर में जो दिखता है वही बिकता है। आजमगढ़ के एक छोटे से गांव डीहपुर में रहने वाले कवि सत्येन्द्र प्रताप उपाध्याय  की कवितायेँ इतनी प्रभावशाली है कि जो भी इनके रचनाओं को दिल से पढ़ता हैं वो इनका मुरीद हो जाता हैं। हाल ही में इनकी कुछ रचनाएँ #TZP #PUBLICATIONS द्वारा प्रकाशित किताब KALAM SE KAGAJ TAK. मे प्रकाशित हुई हैं जो AMAZON जैसे प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है जिसका लिंक नीचे दिया गया 




इस किताब में अनेक कवियों की रचनाएँ मुद्रित हैं अगर आप भी कविता पढ़ने के शौकीन हैं तो इस किताब को जरूर पढ़ें। इस किताब में सामाजिक, सांस्कृतिक और विभिन्न प्रकार की कविताओं का समावेश है ।
हम सत्येन्द्र प्रताप उपाध्याय जी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। इनकी कुछ रचनाएँ प्रस्तुत हैं। 

       सच्चा प्रधान 
कर्मशील हूं विनम्र भाव है,
अपनी कमियां छोडूंगा मैं ।
यह गांव सदा धड़कन मेरा ,
उन्नति के पथ डोलूंगा मैं। 
यह पावन धरा किसानों की,
इनका जीवन तो फसलें हैं। 
हक भी इनका मिला नहीं,
कॉलोनी तो बस सपने हैं ।
प्रयास यही होगा मेरा ,
गांव मेरा खुशहाल रहे ।
हो कालोनी या अन्य लाभ ,
उजियारा हर हाल रहे। 
दृढ़ - निश्चय मन में ठाना ,
अपने कार्यों से चौंका दे। 
दिल में बसता यह गांव मेरा, 
बस सेवा का एक मौका दे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ