रमजान पर दिखने लगा लॉकडाउन का पूरा असर
धर्मगुरुओं ने कोरोना कॉविड के निर्देशों का पालन करने का दिया निर्देश
✍️यूसुफ खान/मोहम्मद अरशद
जौनपुर। देश इस वक़्त कोरोना वायरस जैसी बीमारी का सामना कर रहा है। इस महामारी से अब तक लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं । प्रदेश में तमाम लोगों की जान चली गई है। इस प्रकोप को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है और इसका पालन भी सख्ती से किया जा रहा है लेकिन इस बीच मुस्लिम समुदाय का पाक महीना रमज़ान भी अपने शवाब पर है। इस पवित्र महीने पर लॉकडाउन का भी खासा असर पड़ रहा है। इस मुबारक महीने में जहां एक तरफ आपको अपने ज़हन और दिल पर काबू करना सिखाता है । वहीं दूसरी तरफ आपको इबादत करने की तालीम भी खूब देता है लेकिन मौजूदा लॉकडाउन के मद्देनज़र बंदिशें और बढ़ गई हैं। बाज़ार और मस्जिद के बंद होने से रोज़ेदारों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है लेकिन ऐसे हालात में कई उलेमाओं ने भी यह कहा है कि इस रमज़ान आप अपने घर पर रहकर ही इबादत करें और नमाज़ पढ़ें।
शहर के शाही पुल स्थित प्रसिद्ध शेर मस्जिद के पेश इमाम मौलाना कारी जिया जौनपुरी ने रविवार को मोबाईल से हुई बातचीत में कहां की इबादत के इस पवित्र महीने में एक नेकियां 70 गुना से अधिक सवाब देती हैं लेकिन हमें अपने घरों में रहकर ही इबादत के सभी कार्य करने हैं।
उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोरोना कॉविड के निर्देशों का सख्ती से पालन करें। बाजार व अन्य चौराहों पर भीड़ ना लगाएं।
लॉकडाउन के दौरान घर में अपने परिवार के साथ तारावीह की नमाज पढ़ें, दिन में रोजा रखें और तमाम बुराइयों से तौबा करें। लोगों की, दीनहीनों की, भूखों की हर संभव मदद करें।
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