डीएम के आदेश का शाहगंज में स्कूल संचालकों पर नही कोई असर
खुलेआम धड़ल्ले से डग्गामार वाहनों से ढोये जा रहे हैं नौनिहाल
✍️रिपोर्ट : नौशाद मंसूरी
शाहगंज(जौनपुर)। सरकार जहां शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही हैं।और नौनिहालों के सुरक्षा पर बराबर आदेश और निर्देश जारी होते रहते हैं।जौनपुर के डीएम डॉक्टर दिनेश चन्द भी स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।मगर शाहगंज और अगर बगल के क्षेत्रों में स्कूल संचालकों पर तनिक भी असर होता दिखाई नही देता।
डग्गामार मार वाहनों से ढोये जाते हैं स्कूली बच्चे
क्षेत्र के लगभग 90 प्रतिशत स्कूलों में डग्गामार वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है।इन वाहनों में ऑटो रिक्शा, इलेक्ट्रानिक रिक्शा, पिकप, छोटा हाथी एवं मारुति वैन जैसे वाहन उपयोग में लिए जाते हैं।और तो और इनमें नौनिहालों को भूसे की तरह ठूस ठूस कर भरा जाता है।
मानकों का नही होता है पालन
ऐसे डग्गामार वाहनों का फिटनेस से लेकर कोई मानक पूरा नही होता है।ऐसे वाहनों पर अधिकांश न तो स्कूल का नाम लिखा रहता है, न ही एमरजेंसी नम्बरऔर न ही स्कूल संचालक का नाम और मोबाइल नम्बर।
आपात सेवा के नही रहता कोई इंतजाम
आपात स्थिति से निपटने के इन डग्गामार वाहनों में न तो फस्ट एड बॉक्स रहता है।और न ही कोई ज़िम्मेदार व्यक्ति।अप्रशिक्षित चालक इन वाहनों को बच्चो की जान जोखिम में डाल कर स्कूल संचालक अभिभावकों से किराये के नाम मोटी रकम वसूल की जाती है।
पूछने पर पल्ला झाड़ लेते है स्कूल संचालक, अभिभावकों के सर फोड़ देते है ठीकड़ा
कभी जब इन स्कूल संचालकों से ऐसे वाहनों से बच्चों के आवागमन की बात पूछी जाती है तो।संचालक कहते हैं बच्चों के अभिभावक ही अपने तरफ से मिलकर ऐसे वाहनों को हायर करते हैं।सवाल उठता है अभिभावक ऐसे डग्गामार वाहनों को हायर करें या फिर स्कूल संचालक दोनों ही सूरतों में डग्गामार वाहनों से बच्चों को स्कूल ले जा ले आना अवैध है और सम्बन्धित विभाग इस पर बाकायदा स्पष्ट निर्देश दे चुका है।
शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग सब कुछ जानते हुए भी रहते है मौन
इतना सब कुछ होने के बाद परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग दोनों ही मौन रहते हैं।ऐसा लगता है सब मिलीभगत से चल रहा है।और मौन स्वीकृति मिली हुई है।शाहगंज नगर और आसपास के क्षेत्रों में शायद यदा कदा ही सम्बन्धित अधिकारी आते भी होंगे तो बर्फी नमकीन और कोल्ड्रिंक का आनंद लेकर सिर्फ कोरम पूर्ति करके वापस चले जाते हैं।जिससे इन का मनोबल और बढ़ता ही जा रहा है।
डग्गामार वाहनों के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान होगी कार्यवाई-एआरटीओ
इस सम्बंध में जब जौनपुर जनपद के एआरटीओ सत्येंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो पहले तो उन्होंने शाहगंज में वाहनों की जांच से पल्ला झाड़ा।मगर फिर कहा की खेतासराय तक टीम जाती है और ऐसे डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्यवाई होती है।शाहगंज में कार्यवाई या जांच के सवाल पर उन्होंने जगह का हवाला देते हुए असमर्थता जताई और कहा की थाने में जगह नही है।वाहनों को खड़ा करने के लिए पर्याप्त स्थान नही मिल पाता।आगे उन्होंने कहा की कई बार शाहगंज के कई स्कूली वाहनों जो मानक के विपरीत थे।उनपर कार्यवाई कर चालान किया गया है।
अब यहां भी वहीं सवाल उठता है की बड़े कान्वेंट स्कूलों के वाहनों के अलावा नगर में स्थित स्कूल संचालकों के स्कूली वाहन उतनी दूरी से बच्चे हैं नही तो इन पर कैसे कार्यवाई हो।क्योंकि परिवहन विभाग के अनुसार शाहगंज में जगह ही नही है।
अब देखना यह होगा की विभाग कोई ठोस कदम उठाता है या फिर किसी बड़ी दुर्घटना के इंतज़ार में इंतज़ार करता है।तब शायद इनकी तन्द्रा भंग होगी।फिलहाल नौनिहालों की सुरक्षा राम भरोसे ही है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी ने खुद माना की अभी तक ऐसी कोई कार्यवाई नही हुई है
इस सम्बंद में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी बसन्त कुमार शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने का हमारे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नही आया है।अगर आता है तो कार्यवाई की जाएगी।वहीं एक सवाल पर उन्होंने खुद कहा की ऐसे डग्गामार वाहनों पर आज तक कोई कार्यवाई नही हुई है।
उनका कबूलनामा ही सबकुछ समझने के लिए पर्याप्त माना जाना चाहिए की चल क्या रहा है।
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